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खनन पट्टा लीज मामला : चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंचा, राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी!

Ranchi :  झारखंड के मुख्यमंत्री और बरहेट के विधायक हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खनन पट्टा लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commissioan of India) ने अपना फैसला सुना दिया है. ECI ने अपने फैसले से झारखंड राजभवन को अवगत करा दिया है. आयोग का पत्र राजभवन पहुंचने के बाद झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. हालांकि आधिकारिक रुप से किसी भी स्तर से इस खबर की पुष्टि नहीं की गई है. ना ही यह पता चल पाया है कि आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई का फैसला दिया है. सत्ता व राजनीतिक शीर्ष की नजर अब राज्यपाल पर टिकी हुई है. राज्यपाल आज (गुरुवार) को दिन के करीब एक बजे रांची पहुंचेंगे. इसके बाद ही राजभवन की तरफ से कोई संदेश सीएमओ भेजा जा सकता है. राजभवन का रुख के बाद ही सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया होगी. झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-news/">झारखंड

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राज्यपाल ने अभी तक सीएमओ को नहीं दी जानकारी 

सूत्रों ने बताया है कि आयोग ने सीएम की विधायिकी को रद्द करने का फैसला दिया है. जिसकी जानकारी राज्यपाल को दे दी गई है. समाचार लिखे जाने तक राज्यपाल की तरफ से सीएमओ को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन माना जा रहा है कि शाम तक राजभवन इस बारे में कोई ना कोई कदम जरुर उठायेगा.
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झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया

चुनाव आयोग के फैसले के बाद झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. बहुमत यूपीए के पास है और उसके नेता ही विधायक नहीं रह गये, तो ऐसे में सरकार के पास सीमित विकल्प ही बचते हैं. अगर राजभवन ने इस्तीफे के लिये ज्यादा वक्त नहीं दिया तो यूपीए को अपना दूसरा नेता चुनना होगा. दूसरी तरफ अगर राजभवन से एक-दो दिन का वक्त मिलता है, तब आयोग के फैसले के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
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बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन 

उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेताओं ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन दिया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि संवैधानिक पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम खनन लीज पट्टा लिया. राज्यपाल ने इस शिकायत को चुनाव आयोग में भेज दिया था. आयोग ने मामले में सुनवाई की. 18 अगस्त को आयोग ने सुनवाई पूरी की. जिसके बाद से हर दिन यह कयास लगाये जा रहे थे कि आयोग का फैसला राजभवन आ गया है.
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